दो बार मांगने पर भी कमीशन को नहीं दी एग्रीकल्चर के अलावा 20 लाख से ज्यादा आय वालों की जानकारी, सिर्फ बिजली बिल पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की, किसी ने नहीं किया त्याग
-हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन ने जानकारी के लिए सरकार को दो बार लिखी थी चिट्ठी
-जवाब मिला-ऐसे किसानों के नाम नहीं हो सकते चिह्नित
-हरियाणा में 6 लाख हैं एग्रीकल्चर बिजली कनेक्शन
पूर्व मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और नेताओं समेत अमीर किसानों की ओर से एग्रीकल्चर कनेक्शन पर ली जा रही सब्सिडी पर सरकार में करीब तीन साल से चर्चा तो हो रही है, लेकिन इसे खत्म करने पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन की ओर से सरकार को 2015-2016 और 2016-2017 में टैरिफ बदलने के वक्त दो बार चिट्ठी लिखकर एग्रीकल्चर के अलावा 20 लाख से ज्यादा आय वाले ऐसे लोगों के नाम मांगे थे जो एग्रीकल्चर कनेक्शन पर सस्ती बिजली ले रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जवाब दिया कि उनके पास ऐसे लोगों की जानकारी नहीं है, जिनकी आय एग्रीकल्चर के अलावा 20 लाख से ज्यादा हो। हां, निगमों की ओर से इतना ही किया गया कि बिलों पर स्वेच्छा सब्सिडी छोड़ने की अपील छपवाई लेकिन इसके बाद भी अभी तक प्रदेश में एक भी नेता, मंत्री या कोई अन्य बड़ा किसान ऐसा सामने नहीं आया, जिसने सब्सिडी छोड़ी हो। निगम सूत्रों का कहना है कि एग्रीकल्चर कनेक्शन के नाम पर सब्सिडी लेने वालों में नेता, मंत्रियों के अलावा कई बड़े अफसर भी हैं,जिनके फार्म हाउस बने हुए हैं। उनके फार्म हाउस पर भी दस पैसे प्रति यूनिट या 15 रुपए प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से बिजली सप्लाई हो रही है।जबकि उनका वेतन ही 20 लाख से ज्यादा है। आपको बता दें कि हरियाणा में करीब 6 लाख कनेक्शन एग्रीकल्चर की कैटिगिरी में है। इनमें पूर्व सीएम ओपी चौटाला, अभय के नाम के अलावा पूर्व सीएम हुड्डा पारिवारिक सदस्यों के नाम से तीन कनेक्शन हैं। वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के परिवार के सदस्यों के नाम 7 कनेक्शन हैं। इसी प्रकार अनेक विधायकों और नेता भी सब्सिडी का फायदा ले रहे हैं। बता दें कि एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने इसी मामले को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की, जिस पर कोई ने सरकार से जवाब भी मांगा है। अगली सुनवाई मार्च में होगी।
कमीशन ने सरकार को क्या लिखा
जिनकी आय एग्रीकल्चर के अलावा 20 लाख से ज्यादा उन्हें फ्री न दी जाए बिजली
हरियाणा बिजली रेग्यूलेटरी कमीशन की ओर से सरकार को लिखा गया था कि जिनकी एग्रीकल्चर के अलावा 20 लाख से ज्यादा आय है, उनके नाम दिए जाएं। उनकी सब्सिडी खत्म कर उन्हें बिल दिया जाए। उन्हें बिजली फ्री नहीं दी जानी चाहिए।
कर्मचारियों की फ्री बिजली बंद करने की सिफारिश, निर्णय नहीं
बिजली निगम के कर्मचारियों को 50 से 100 तक जो भी यूनिट फ्री दी जाती है, उसे खत्म किया जाए। निगमों के अलावा कमीशन के कर्मचारी भी इसी प्रकार फायदा ले रहे हैं, वह भी खत्म हो।
प्रदेश में सवा तीन लाख लोगों ने छोड़ी थी सब्सिडी
बात जब गैस सब्सिडी छोड़ने की आई तो प्रदेश में करीब सवा तीन लाख लोगों ने आगे आकर इसके लिए एप्लाई किया था। यानि उन्होंने सब्सिडी छोड़ी लेकिन नेता, अधिकारी और अमीर किसान बिजली की सब्सिडी छोड़ने को तैयार नहीं है। गैस सब्सिडी लोगों के खाते में जाती है। अन्य योजनाओं के पैसे भी सरकार सीधे खाते में ट्रांसफर कर रही है लेकिन कमीशन की सिफारिश के बावजूद सरकार किसानों को बिजली की सब्सिडी उनके खाते में जमा कराने को तैयार नहीं है।
सरकार पर 7698 करोड़ का है सब्सिडी का भार
सरकार पर बिजली सब्सिडी का वर्ष 2017-18 में करीब 7698 करोड़ रुपए का भार है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 6434 करोड़ रुपए के करीब रहा था। यदि अमीर किसान सब्सिडी छोड़े तो सरकार पर भी बोझ कम हो सकता है। यह पैसा सरकार को बिजली निगमों को देने होते हैं।
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