गुरुवार, सितंबर 13, 2018

ऐसे होता है नेटवर्किंग कंपनी में चेन सिस्टम के जरिए फ्रॉड

आपने स्पीक एशिया, क्रिप्टो कॉइन, क्लिक, बॉक्स इन जैसी कंपनियों में इनवेस्ट करके अपनी गाढ़ी कमाई जरूर खोई होगी। इसमें लोगों को जोड़कर चेन सिस्टम के जरिए ठगी का खेल खेला जाता है। दरअसल देश में ऐसे सभी फाइनेंशियल फ्रॉड के पीछे 200 लोगों का एक नेटवर्क काम करता है। ये एक ऐसा नेटवर्क है, जो एक कंपनी में काम शुरू कराकर अपना कमीशन लेकर दूसरी कंपनी शुरू करने में निकल जाता है। इनका नाम कहीं कागजातों पर नहीं होता, इसलिए पुलिस भी इन तक नहीं पहुंच पाती।
ये गैंग ऐसे करता है जालसाजी
 - यह लोग 20-20 के जोड़ों में देशभर में बंटे हुए हैं, यह नया प्लान सोचते हैं कि किसी प्रकार से कुछ नया करके मार्केट में जुआ खिला सकते हैं। इनमें नेक्सस से जुड़े लोग नई कंपनियों की तलाश करते हैं।
 - इन 200 लोगों में से जिसको भी कोई ऐसी कंपनी मिलती, जो इनके बिजनेस के लिए उपयुक्त है। उसके साथ एक डील का ऑफर रखते हैं। चूंकि इस कंपनी का एमडी खुद फायनेंशियली संघर्ष कर रहा होता है तो वह इनकी डील में हाथ मिला लेता है। डील में बताते हैं कि आपको महीने में 250 करोड़ का निवेश देंगे, इसमें से 20 प्रतिशत हमारा नेक्सस से जुड़े लोगों का होता। इसके साथ यह कंपनी से कहते हैं कि आपको कुछ लग्जरी गाड़ियां, हवाई यात्रा की टिकट, होटल का खर्चा व कार्यालय का खर्चा झेलना पड़ेगा। वह भी कुछ समय के लिए, ताकि लोगों तक यह संदेश जाए कि कंपनी वास्तव में अच्छी है। इस डील में कुछ भी कागजात पर नहीं होता।
 :- डील होते ही अपने गैंग के बाकी सभी एक्सपर्ट को इस कंपनी में बुला लेता है। यहां तय होता है कि मल्टी लेवल मार्केटिंग के कम रुपये लगाकर दोगुना करने का फार्मूला। इसमें कुछ ऐसे भी काम किए जाते हैं कि लगे कि कंपनी एमएलएम के नियमों का पालन कर रही है।
 :- एक्सपर्ट की यह टीम सोशल मीडिया व माउथ टू माउथ पब्लिसिटी कर कंपनी की ब्रांडिंग करती है। सेमिनार हॉल के बाद लग्जरी गाड़ी खड़ी की जाती। स्थानीय स्तर पर सबसे पहले जुड़ने वाले लोग टॉप डिस्ट्रीब्यूटर बनते।
 :- कंपनी में निवेश आने लगता है। पहले 10 करोड़ रुपये प्रति दिन फिर 20 करोड़ प्रतिदिन। कंपनी अन्य राज्यों में दफ्तर खोलती। प्रतिदिन कुल रुपयों का 20% हिस्सा यह 200 लोगों का नेक्सस पहले ही काट लेता। बचे रुपयों से कंपनी बड़ा लाभ अपना बचाकर पे आउट व अन्य खर्चे देती। यह रकम ई-वॉलेट व कैश में होती।
 :- ये गैंग सीएमडी को बताता कि बैलेंस-शीट, रिटर्न फाइल और अन्य टैक्स समय पर दे। लोग जोड़ने पर वेतन व रॉयल्टी दी जाती है। रॉयल्टी पर 10% टीडीएस है तो इसे कागजातों में कमीशन दिखाते हैं।
 :- यह खेल 8 से 10 महीन तक चलता। कानूनी शिकंजा बढ़ने पर या पकड़े जाने पर ये टैक्स का चुपचाप भुगतान करते हैं।
:- किन्हीं स्थानों पर कंपनी के पे आउट आने बंद हो जाते हैं। इस दौरान यह नेक्सस दूसरी कंपनी में शिफ्ट होने का प्लान बना चुका होता है। रेड होते ही ये 200 लोग भूमिगत हो जाते हैं।
 :-कंपनी के दफ्तर और खाते सीज होने की कार्रवाई के बाद लोकल डिस्ट्रीब्यूटर जिन्होंने स्थानीय लोगों के करोड़ों रुपये निवेश कराए हैं, वह सक्रिय हो जाते हैं। बंद दफ्तर के सामने पहुंचकर विभिन्न राज्यों से आए लोगों से कहते हैं कि चिंता न करें किसी को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर डाले जाएंगे।
 :- लोग लोकल डिस्ट्रीब्यूटरों से रुपये वापस मांगते हैं। डिस्ट्रीब्यूटर कहते हैं कि सरकार ने गलत किया है, हम सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इसके बाद यह लोकल डिस्ट्रीब्यूटर 200 टॉप प्रमोटर्स को फोन मिलाते हैं। प्रमोटर्स कहते हैं कि हमें भी नुकसान हुआ है। वे एक नई कंपनी से जुड़े हैं। फ्लाइट की टिकट भेजते हैं, वहां आ जाओ। डिस्ट्रीब्यूटर को लोगों का कर्ज चुकाना होता है। ये 200 टॉप प्रमोटर्स की टीम इन डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ अब वेतन रॉयल्टी के साथ कुल टर्नओवर का 10 प्रतिशत देने का भी वादा करते हैं। डिस्ट्रीब्यूटरों के जुड़ते ही रुपये आने लग जाते हैं। इसमें से पुरानी कंपनी के कुछ लोगों का पैसा वापस हो जाता है और कुछ का नहीं होता। और फिर एक नया फ्रॉड चालू हो जाता है।
फ्रॉड से बचने को लर्निंग :- एमएलएम का बिजनेस प्रोडक्ट पर आधारित होना चाहिए, जो आपको बड़ा रिटर्न करने का दावा कर रहा है। समझिए कुछ गड़बड़ है।


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