रविवार, जुलाई 01, 2012

संताप




जानिए इतना के कुछ भी न जान पाएं
और समझाइश इतनी के कुछ भी न समझ पाएं
आओ कहें इतना के हम-तुम कुछ कह न पाएं
हो तमन्ना मगर न जाहिर कर पाएं

मचा है शोर इतना के शोर भी शांत कर जाएं
है आतंक मगर अब भी संताप दूर  न कर पाएं
क्यों ये कारवां फिर जुटा रहा है के कुछ कर जाएं
क्योंकि अब भी कई घर नहीं भूल पाए 84 का पंजाब

यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार

यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार एसटीएफ की कार्रवाई में आरोपियों से...