गुरुवार, मार्च 15, 2012

सेक्स और सियासत का काकटेल

भोपाल की आरटीआई एक्टिविस्ट शेहला मसूद की मर्डर मिस्ट्री को सीबीआई सुलझाने का दावा तो कर रही है, मगर इस मर्डर के तार भी राजनीतिक गलियारों से होकर गुजर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई राज्य के एक बड़े बीजेपी नेता पर नजर बनाए हुए है। इस तरह से यह मर्डर केस भी सेक्स और पॉलिटिक्स के बीच उलझा हुआ है। जब-जब सेक्स और सियासत का कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है। किसी महिला ने अपनी जान गंवाई है।
 आइए ऐसे ही कुछ मामलों पर एक नजर डालते हैं।


 नारायण दत्त तिवारी सेक्स स्कैंडल
 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी भी सेक्स स्कैंडल में फंसे थे। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रह चुके नारायण दत्त तिवारी का रंग रसिया रूप देश की जनता ने कई बार देखा है। पिछली बार, तिवारी सेक्स स्कैंडल के कारण खूब चर्चा में रहे। आधे घंटे तक एक तेलुगू चैनल पर जब तिवारी की कथित रासलीला का प्रसारण किया जा रहा था तो इसकी गूंज पूरे हिंदुस्तान में सुनी गई।
  उमर अब्दुला पर भी लगे थे आरोप 
 जम्मू व कश्मीर के युवा मुख्यमंत्री उमर अब्दुला भी सेक्स स्कैंडल में फंस चुके हैं। हालांकि बाद में वे पाक साफ निकले। मामला 2006 के एक सेक्स स्कैंडल का है। श्रीनगर पुलिस ने जब सबीना नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया तो उसने कई चैंकाने वाले खुलासे किए। नतीजा मुख्यमंत्री के साथ कई पूर्व मंत्री और आला अधिकारी इस सेक्स स्कैंडल में फंसे। पूरे राज्य में कोहराम मचा। कुल 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसमें राज्य के दो पूर्व मंत्री समेत एक आईएएस अधिकारी, एक डीआईजी एवं दो डीएसपी शामिल थे।
 जयाप्रदा के पोस्टर पर बवाल
 पिछले लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड अभिनेत्री और सपा की उम्मीदवार जयाप्रदा के साथ हुआ। बरसों तक बड़े परदे पर अपने हुस्न का जलवा दिखा चुकीं जया उस वक्त रो पड़ीं, जब उन्होंने अपने ही अश्लील पोस्टर रामपुर में देखे। रामपुर उनका संसदीय क्षेत्र है। रामपुर की गलियों से निकलकर ये पोस्टर दिल्ली तक की राजनीति में बवाल मचाया। इल्जाम बागी नेता आजम खान पर लगा। यह बात खुद जया ने कही। वैसे मीडिया में अक्सर जया और अमरसिंह के संबंधों को लेकर भी छीटाकशी होती रहती है। जयाप्रदा कहती हैं कि राजनीति में यदि आए हैं तो दाग तो लगेंगे ही।
 एक कवयित्री के साथ मंत्री का अमरप्रेम 
 अपनी कविताओं से कइयों के दिल पर राज करने वाली मधुमिता की उसके घर पर ही गोलीमार कर हत्या कर दी गई। घटना मई 2003 की है। लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी ने उस दिन गोलियों की आवाज सुनी थी। जब लाश का पोस्टमार्टम हुआ तो चैंकाने वाली खबर बनना लाजिमी थी। मधुमिता गर्भवती थी। शक की सुई तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी की ओर मुड़ी। लखनऊ की जनता के साथ अब पूरा देश दोनों के संबंधों को जान चुका था। हत्या के पीछे वजह यह बताई गई कि मधुमिता-अमरमणि त्रिपाठी के संबंधों के कारण वह गर्भवती हो गई थी लेकिन अमरमणि नहीं चाहते थे कि वह मां बने। मधुमिता अपनी जिद पर अड़ी थी। अंत में मधुमिता को गोली मार दी गई। फिलहाल अमरमणि जेल में हैं।
 आनंद सेन की आशिकी
 वह लॉ की स्टूडेंट शशि थी। शशि अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आनंद सेन के करीब होती गई। शशि चाहती थी कि वह विधानसभा का चुनाव लड़े और लखनऊ की विधानसभा में बैठे। शार्टकट के रूप में उसने आनंद सेन को चुना। शशि के पिता खुद एक राजनीतिक कार्यकर्ता थे। आनंद सेन ने भी उसकी आंखों में बसे इस ख्बा
व को देख लिया था। फिर शुरू हुआ वायदों का दौर।वायदे बढ़ते गए, जिस्मानी दूरियां मिटती र्गइं। 22 अक्टूबर 2007 को शशि गायब हुई। लंबी छानबीन और धड़पकड़ के बाद पता चला कि वह इस दुनिया से जा चुकी है। उसकी हत्या हो गई है।
 भंवरी का भंवर
 राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और नर्स भंवरी देवी के अवैध संबंधों से बनी यह कहानी है- राजनीति, अतिमहत्वाकांक्षा और लालच की। राजनीति-मलखान-महिपाल की। मलखान की मंत्री पद के लिए। मदेरणा की दामन उजला बताने के लिए। अत्यधिक महत्वाकांक्षा-भंवरी की। पैसा, पद और शानो शौकत के लिए। लालच-अमरचंद का। पैसे व गाड़ी पाने के लिए। इसमें भंवरी की मौत के बाद मदेरणा इन दिनों जेल की चक्की चला रहे हैं।


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