अब एक साल में पांच लाख रुपए तक की आय वालों को अलग से आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। मंगलवार को इस आशय की अधिसूचना वित्त मंत्रालय ने जारी कर दी। यह नियम कराधान वर्ष 2012-13 से लागू होगा।
इससे 85 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे। जिन्हें वेतन अथवा वेतन और बैंक में जमा राशि से ब्याज के रूप में प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए तक मिलते हों। ये दोनों साल भर में कुल मिला कर पांच लाख रुपए से ज्यादा नहीं होने चाहिएं। अलग से आयकर रिटर्न भरने की छूट तभी मिलेगी जब नियोक्ता द्वारा दिया गया कर कटौती वाला फॉर्म 16 होगा। हां, आयकर रिफंड लेना हो तो अलग से भी रिटर्न भरना पड़ेगा। इस अधिसूचना के जारी होने से पहले तक आयकर कानून 1961 के तहत सभी वेतनभोगियों को अलग से भी आयकर रिटर्न भरना पड़ता था। जिनकी आय वेतन के अलावा कहीं और से नहीं है उन्हें एक ही जानकारी दो अलग अलग रिटर्न में भरनी पड़ती थी।
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