पिछले दिनों सहारा समूह ने बीसीसीआई के साथ 31 दिसंबर 2013 तक के प्रायोजन करार से कदम खींचने की ਘਾषणा कर दी। सब जानते हैं कि खेल प्रायोजन में सहारा समूह हमेशा बढ़-चढक़र हिस्सा लेता रहा है, पर आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसी सहारा ने टीम इंडिया से अपने भावनात्मक रिश्ते एक झटके में तोड़ दिए। वैसे यह भी सच है कि सहारा प्रमुख सुब्रतो राय एक खेलप्रेमी के अलावा बिजनेस के क्षेत्र के भी मंजे हुए खिलाड़ी हैं। उनके इसी पक्ष को ध्यान में रखकर क्रिकेट के सूत्रों से प्रा:त जानकारी के अनुसार तस्वीर का दूसरा पहलू प्रस्तुत है-
क्रिकेट बोर्ड के मुनाफा दर में गिरावटबीसीसीआई की २०११ की वार्षिक रिपोर्ट (बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध) में चौंकाने वाले आंकड़े मिले हैं। पता चला है कि बोर्ड के मुनाफा की दर लगातार गिर रही है। पिछले साल बीसीसीआई (टीम इंडिया, रणजी आदि) की ग्रॉस इनकम (सकल आय) 805.04 करोड़ रुपए रही। लेकिन इसी अवधि में बोर्ड का कुल खर्च 782.37 करोड़ रुपए आया। जाहिर है बोर्ड को केवल 22.67 करोड़ रुपए का सर:लस (अधिशेष) हासिल हो सका। यह स्थिति किसी भी इन्वेस्टर के लिए चिंता खड़ी करने के लिए काफी है।
मगर आईपीएल लगा रहा :छलांग पर छलांग–
दूसरी तरफ आईपीएल की सकल आय 973.38 करोड़ रुपए रही और उसका कुल खर्च 854.62 करोड़ रुपए आया। यानी आईपीएल ने 118.76 करोड़ की सर:लस कमाई की। उधर, आईपीएल की ही शाखा चैंपियंस लीग, जो बहुतों की नजर में एक निरर्थक टूर्नामेंट है, ने भी 247.97 करोड़ रुपए की सकल आय की। उसके आयोजन में कुल 199.68 करोड़ रुपए खर्च हुए और सर:लस इनकम 48.29 करोड़ रुपए रही।
कुल मुनाफे में बोर्ड के हाथ 22.67 करोड़ ही
तो आईपीएल और चैंपियंस लीग को जोडक़र 189.72 करोड़ रुपए के संयुक्त अधिशेष में बीसीसीआई (टीम इंडिया, रणजी आदि) का योगदान सिर्फ 22.67 करोड़ रुपए का ही आता है। 167.05 करोड़ रुपए का शेष सर:लस टी-20 रुट से आया। साफ है कि बीसीसीआई का अनुमानित मुनाफा गिर रहा है।
...और अब 2,200 करोड़ का झटका
सहारा के हाथ खींच लेने से बीसीसीआई 2,200 करोड़ रुपए से अधिक (1700 करोड़ रुपए फ्रेंचाइजी फी के साथ ही ५३४ करोड़ रुपए की टीम इंडिया स्पांसरशिप फी) के झटके के फेर में फंसा है। चिंता की बात यह है कि आईपीएल के राजस्व पर भी इस :तलाक– का असर दिखाई देने की आशंका है। 2010 में बोर्ड ने पुणे वॉरियर्स और कोच्चि टस्कर्स की फ्रेंचाइजी बेचने के एवज में 323 करोड़ की इनकम फीस वसूली थी। इस नुकसान के अलावा आईपीएल के मैच भी अब 76 से 59 ही रह जाएंगे। यानी दर्शकों से होने वाली इनकम पर भी बट्टा।
सकल आय कुल खर्च सर:लस
बीसीसीआई
(टीम इंडिया-रणजी आदि) 805.04 करोड़ 782.37करोड़ 22.67 करोड़
आईपीएल 973.38 करोड़ 854.62 करोड़ 118.76 करोड़
चैंपियंस लीग 247.97 करोड़ 199.68 करोड़ 48.29 करोड़
(टी-20) (बीसीसीआई की २०११ की वार्षिक रिपोर्ट, रुपए मे)
विश्वमोहन मिश्रा.
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