रोज ये पंछी आते हैं
तुम्हारे दर पे दस्तक देने
उन बेचारे ख्वाबों का क्या करें
जो तुम्हारी याद दिलातें हैं
कुछ तुमने अपने चेहरे पे
ऐसे जुल्फ गिरा ली है
ये ख्वाब बुनकर भला
हम क्या करें
जो फिर तितली बनकर
कल उड़ जाएँगे एक नये दर पे
इन आँखों तले हमने
एक खवाहिश छुपा राखी है
क्या तुमने इन खवाहिशों की
तितली कभी पकड़ी है
ये कैसी मीठी तन्हाई है
जेहन पे छाई है
patarkar mann jab bhi kahin ghumkaree par nikal padta hai to kuch kamaal ho jata hai
शनिवार, मई 08, 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार
यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार एसटीएफ की कार्रवाई में आरोपियों से...
-
टेलीविजन में सभी तरह के कार्यक्रमों का निर्माण एक टीम वर्क से होता है इसमें बहुत सारे लोग मिलजुल कर कार्य करते हैं और अपनी प्रतिभा से अधिक...
-
आधुनिक जनसंचार माध्यमों में टेलीविजन का महत्वपूर्ण स्थान है टेलीविजन के विकास के फलस्वरुप सूचना विस्फोट हुआ है टेलीविजन क्या दर्जनों चैनल ...
-
आपने स्पीक एशिया, क्रिप्टो कॉइन, क्लिक, बॉक्स इन जैसी कंपनियों में इनवेस्ट करके अपनी गाढ़ी कमाई जरूर खोई होगी। इसमें लोगों को जोड़कर चेन सिस्...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
thanx 4 yr view. keep reading chandanswapnil.blogspot.com