कसूर की खता
राकेश बहल.
भारत-पाक सीमा. सतलुज नदी का पानी पाकिस्तान स्थित चमड़ा फैक्टरियों के अवशिष्ट के कारण प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषण के कारण पानी काला हो गया है। पानी में नाइट्रोजन, फास्फेट, पोटाशियम के अलावा सीसा, मैग्नीज, जस्ता, निकिल और लौह जैसे रेडियोधर्मी पदार्थ व जहरीले तत्व निर्धारित स्तर से काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद हैं। नदी जल के कारण भूमिगत जल भी प्रदूषित हो गया है और पीने लायक नहीं रह गया है। प्रदूषित पानी से कई तरह की खतरनाक बीमारियांे की चपेट में लोग आ रहे हैं।
इलाके में रहने वाले किसानों की खेती को गहरा धक्का लग रहा है, मवेशियों की संख्या कम हो रही है। सतलुज में पाकिस्तान की ओर से आने वाले कसूर नाले का प्रदूषण देखने के लिए मैं उस स्थान तक गया जहां से नाला हमारी सीमा में प्रवेश करता है। नाले के कारण सीमा से सटे गांवों के लोगों भारी परेशानी में हैं।
नाले की गंदगी भूमिगत जल का क्या हाल कर रहा है उसका पता आसपास के गांवों में अपंग और बीमार हो गए लोगों को देखकर चल जाता है। राजोके गांव के तोता सिंह का दस साल के बेटा गगनदीप अपंग हो गया है। गांव टिंडीवाला के नंबरदार तेजा सिंह के अनुसार लोग चर्म रोग समेत कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं और जानवर मर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह समस्या पुरानी है, लेकिन दो-तीन सालों से नाले में प्रदूषण बढ़ गया है।
गंदे पानी के मामले में भारत 121 वें स्थान पर
दुनिया के 123 देशों में जहां बड़ी संख्या में लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए बाध्य हैं, उन देशों में भारत का नंबर 121 वां है, जबकि हमारा पड़ोसी देश बंगलादेश साफ पानी उपलब्धता के मामले में हमसे 80 व श्रीलंका और पाकिस्तान हमसे 40 स्थान ऊपर हैं।
पाकिस्तान की ओर से आने वाला यह नाला भारतीय सीमा में सतलुज से आकर मिलता है।
मशहूर कसूर
फिरोजपुर से मात्र 13 किमी. की दूरी पर स्थित यह शहर विभाजन से पहले से ही चमड़े के काम के लिए मशहूर है। यहां पर करीब तीन सौ चमड़ा फैक्टरियां हैं।
भविष्य विकलांगदूषित पानी की मार सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रही है। किसी का एक पैर काम नहीं करता तो कोई हाथों से नकारा हो गया है। सरकार कुछ नहीं कर रही। देश के भविष्य का निर्माण करने वालों की कौन सुध लेगा।
बीमारियों का गढ़
फिरोजपुर में पड़ते हुसैनीवाला बैराज इलाके में पानी सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। इसी मिलावटी पानी को पी लोग बीमार हो रहे हैं। पानी को देखकर इसकी भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सतलुज नदी
यह नदी नौ स्थानों से भारत में प्रवेश करती है और नौ स्थानों से ही पाकिस्तान में जाती है।
कैसी बीमारियां
एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अमिताभ मोहन जयरथ ने बताया कि चमड़ा फैक्ट्रियों से निसृत होने वाले खतरनाक रसायन से हुआ जल प्रदूषण डायबिटीज का कारक होता है। इन फैक्ट्रियों के कारण प्रदूषित हुए जल के कारण जन्म के समय कठिनाई पेश आ सकती है और पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाली बीमारी के होने का भी खतरा रहता है। लंबे समय तक ऐसे जल का सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
इलाके में रहने वाले किसानों की खेती को गहरा धक्का लग रहा है, मवेशियों की संख्या कम हो रही है। सतलुज में पाकिस्तान की ओर से आने वाले कसूर नाले का प्रदूषण देखने के लिए मैं उस स्थान तक गया जहां से नाला हमारी सीमा में प्रवेश करता है। नाले के कारण सीमा से सटे गांवों के लोगों भारी परेशानी में हैं।
नाले की गंदगी भूमिगत जल का क्या हाल कर रहा है उसका पता आसपास के गांवों में अपंग और बीमार हो गए लोगों को देखकर चल जाता है। राजोके गांव के तोता सिंह का दस साल के बेटा गगनदीप अपंग हो गया है। गांव टिंडीवाला के नंबरदार तेजा सिंह के अनुसार लोग चर्म रोग समेत कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं और जानवर मर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह समस्या पुरानी है, लेकिन दो-तीन सालों से नाले में प्रदूषण बढ़ गया है।
गंदे पानी के मामले में भारत 121 वें स्थान पर
दुनिया के 123 देशों में जहां बड़ी संख्या में लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए बाध्य हैं, उन देशों में भारत का नंबर 121 वां है, जबकि हमारा पड़ोसी देश बंगलादेश साफ पानी उपलब्धता के मामले में हमसे 80 व श्रीलंका और पाकिस्तान हमसे 40 स्थान ऊपर हैं।
पाकिस्तान की ओर से आने वाला यह नाला भारतीय सीमा में सतलुज से आकर मिलता है।
मशहूर कसूर
फिरोजपुर से मात्र 13 किमी. की दूरी पर स्थित यह शहर विभाजन से पहले से ही चमड़े के काम के लिए मशहूर है। यहां पर करीब तीन सौ चमड़ा फैक्टरियां हैं।
भविष्य विकलांगदूषित पानी की मार सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रही है। किसी का एक पैर काम नहीं करता तो कोई हाथों से नकारा हो गया है। सरकार कुछ नहीं कर रही। देश के भविष्य का निर्माण करने वालों की कौन सुध लेगा।
बीमारियों का गढ़
फिरोजपुर में पड़ते हुसैनीवाला बैराज इलाके में पानी सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। इसी मिलावटी पानी को पी लोग बीमार हो रहे हैं। पानी को देखकर इसकी भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सतलुज नदी
यह नदी नौ स्थानों से भारत में प्रवेश करती है और नौ स्थानों से ही पाकिस्तान में जाती है।
कैसी बीमारियां
एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अमिताभ मोहन जयरथ ने बताया कि चमड़ा फैक्ट्रियों से निसृत होने वाले खतरनाक रसायन से हुआ जल प्रदूषण डायबिटीज का कारक होता है। इन फैक्ट्रियों के कारण प्रदूषित हुए जल के कारण जन्म के समय कठिनाई पेश आ सकती है और पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाली बीमारी के होने का भी खतरा रहता है। लंबे समय तक ऐसे जल का सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
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