प्रॉस्टेट कैंसर के मामले में पंजाब देश में दूसरे स्थान पर है।
● प्रॉस्टेट कैंसर के कारणोँ में नींद कम लेना,मोटापा, 40 की उम्र के बाद नियमित जांच आदि न कराना शामिल है।
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प्रोस्टेट कैंसर के मामले में पंजाब देश में दूसरे स्थान पर है। बीमारी के बढते मामलोँ को लेकर पटियाला के डॉक्टर चिंतित है। यह कैंसर पुरुषोँ को होता है और दुनिया भर में 1.8 मिलियन लोग इससे पीडित हैं। प्रॉस्टेट कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, इनमेँ तनावपूर्ण और सेक्सुअली निष्क्रिय जीवन महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं।
एक हालिया रिसर्च के अनुसार 6 घंटे से कम नींद लेने से पुरुषोँ में प्रॉस्टेट कैंसर होने का खतरा दोगुना हो जाता है और इससे पुरुषोँ को प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा 55% बढ जाता है। जिस रफ्तार से देश में इस बीमारी के मामले बढ रहे हैं उससे यह आशंका जताई जा रही है कि 2020 तक इसमेँ 220% तक की बढोत्तरी हो जाएगी। प्रॉस्टेट कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, इनमेँ तनावपूर्ण और सेक्सुअली निष्क्रिय जीवन महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं।
कोलम्बिया एशिया हॉस्पिटल, पटियाला के कंसल्टेंट युरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट डॉ. अंकुर बंसल कहते हैं, “कैंसर की वजह से प्रॉस्टेट ग्लैंड के पास सूजन आ जाती है जिसके चलते पेशाब करने में कठिनाई महसूस होती है। यह बीमारी आमतौर पर बडी उम्र के लोगोँ में अधिक देखी जाती है। लेकिन हमारे पास ऐसे मामले भी आ रहे हैं जिनमेँ मरीज की उम्र 40 साल से कम होती है। यह काफी परेशानी वाली स्थिति होती है क्योंकि इसके चलते हमारे जीवन में काफी तेजी से बदलाव आते हैं। अक्सर समय और स्रोत की कमी के चलते हम न तो भरपूर नींद ले पाते हैं और न ही ठीक से खा पाते हैं।खराब खान-पान का असर तो सबको पता है, उसी तरह से बहरपूर नींद न लेने से पुरुषोँ में मेलाटोनिन लेवल कम हो सकता है जो कि उनके नींद के चक्र को नियमित रखता है। इसकी वजह से, शरीर कैंसरस सेल्स के विकास को रोक नहीं पाती है।“
सही समय पर जांच और सही इलाज प्रॉस्टेट कैंसर का विकास रुक सकता है। तमाम आधिनिक तकनीक की मदद से रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और यहाँ तक कि सर्जिकल इलाज के भी विकल्प उपलब्ध हो गए हैं। एक अन्य थेरेपी भी आ गई जिसे हार्मोन थेरेपी कहते हैं जो कि संतुलन बनाए रखने के लिए टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के स्तर को मैंनेजबल स्तर सबनए रखने में मददगार होता है। बीमारी से बचाव और इलाज में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कारक हैं समय पर जांच और इलाज्।
जल्द जांच के महत्व को समझाते हुए डॉ. अंकुर बंसल ने कहा कि, “50 की उम्र पार करने के बाद पुरुषोँ के लिए प्रॉस्टेट कैंसर की जांच कराना अनिवार्य होना चाहिए, क्योंकि उम्र बढने के साथ प्रॉस्टेट कैंसर होने की आशंका बढ जाती है। शहरी पुरुषोँ को गांव में रहने वालोँ के मुकाबले इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि शहरी लोग ग्रामीण लोगोँ की तुलना में डाइट और शारीरिक सक्रियता पर कम ध्यान दे पाते हैं। पुरुषोँ को अपना जांच कराने में शर्म महसूस नहीं करना चाहिए। अगर पेशाब में खून आ रहा है इसका मतलब है कि जांच में कोई न कोई समस्या अवश्य सामने आयेगी। प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती दौर में इसका इलाज करना और इसके विकास को रोकना आसान है।“
प्रॉस्टेट कैंसर आमतौर पर कुछ लक्षणोँ के साथ सामने आते हैं जिनमेँ, पेशाब करते समय जलन का एहसास,युरीन या वीर्य में रक्त आना, पेशाब ग्रंथि पर नियंत्रण कम होना, पैरोँ अहवा पेल्विक एरिया में सूजन आदि जिसे मरीज आमतौर पर पहचान सकते हैं। अगर मरीज को इस तरह के लक्षण दिखाई देँ तो उन्हे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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