गुरुवार, अप्रैल 25, 2019

मारुति अगले साल से बंद कर देगी डीजल कारें

नयी दिल्ली। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड का मुनाफा वित्त वर्ष 2018-19 में समग्र आधार पर 2.92 प्रतिशत घटकर 7,650.6 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2017-18 में यह 7,880.7 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी के निदेशक मंडल की गुरुवार को यहाँ हुई बैठक में तिमाही तथा वार्षिक नतीजों को मंजूरी दी गयी। उसकी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “प्रतिकूल विनिमय दर और कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण बीता वर्ष काफी चुनौतीपूर्ण रहा। इस दौरान हमने गुजरात के दूसरे संयंत्र में भी उत्पादन शुरू किया जिससे मूल्यह्रास में ज्यादा नुकसान हुआ है। वर्ष के दौरान कुल मिलाकर बाजार सुस्त रहा जिससे बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोमोशन पर ज्यादा खर्च करना पड़ा। निदेशक मंडल ने पूरे वित्त वर्ष के लिए पाँच रुपये अंकित मूल्य के प्रत्येक शेयर पर 80 रुपये के लाभांश को भी मंजूरी दी। पिछले वर्ष भी उसने इतना ही लाभांश दिया था। 
 नए प्रदूषण मानकों का असर छोटी कारों पर ज्यादा होगा। यूरोप में भी यूरो-6 मानक लागू होने के बाद डीजल कारों की ग्रोथ कम हुई है।
अभी मारुति की विटारा ब्रेजा और एस-क्रॉस सिर्फ डीजल वर्जन में आती हैं। स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर, सियाज और अर्टिगा के पेट्रोल और डीजल दोनों वर्जन हैं। कंपनी हल्के कॉमर्शियल वाहन सुपर कैरी का डीजल वर्जन भी बनाना बंद करेगी। यह सिर्फ पेट्रोल या सीएनजी वर्जन में मिलेगी। पेट्रोल-डीजल कारों में अंतर बढ़ेगा: मारुति के सीनियर ईडी सीवी रमन ने पिछले दिनों बताया था कि अभी पेट्रोल और डीजल कारों के दाम में अंतर एक लाख रुपए है। बीएस-6 लागू होने के बाद यह अंतर 2.5 लाख रुपए हो जाएगा। छोटी कार खरीदने वालों के लिए यह रकम काफी ज्यादा है। अप्रैल 2020 से ही बीएस-6 प्रदूषण मानक लागू होंगे। इस मानक के हिसाब से इंजन में बदलाव करने के कारण कार और यूटिलिटी वाहनों के दाम 10-25% तक बढ़ जाएंगे। शुरुआती अनुमान के मुताबिक पेट्रोल कारों के दाम 25,000-60,000 रुपए बढ़ेंगे। डीजल कारों के दाम एक से 2.5 लाख रुपए तक बढ़ सकते हैं। भार्गव ने कहा कि नए प्रदूषण मानकों का असर छोटी कारों पर ज्यादा होगा। यूरोप में भी यूरो-6 मानक लागू होने के बाद डीजल कारों की ग्रोथ कम हुई है।
अभी मारुति की विटारा ब्रेजा और एस-क्रॉस सिर्फ डीजल वर्जन में आती हैं। स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर, सियाज और अर्टिगा के पेट्रोल और डीजल दोनों वर्जन हैं। कंपनी हल्के कॉमर्शियल वाहन सुपर कैरी का डीजल वर्जन भी बनाना बंद करेगी।कुल कार बिक्री में डीजल का हिस्सा सिर्फ 35%: बिक्री का ट्रेंड भी बदल रहा है। लोग डीजल के बजाय पेट्रोल गाड़ियां ज्यादा पसंद कर रहे हैं। 2016 में कुल कार बिक्री में 40% डीजल वाली थीं। 2018 में यह 35% रह गई।छोटी डीजल कारें ज्यादा प्रभावित होंगी
बीएस-6 के लिए पेट्रोल गाड़ियों में मामूली बदलाव करना होगा। लेकिन डीजल गाड़ियों में नई टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी। छोटी डीजल कारें ज्यादा प्रभावित होंगी, क्योंकि 6 लाख की कार के दाम 50,000 से 1.5 लाख रुपए तक बढ़ जाएंगे। हर साल करीब 18 लाख छोटी कारें बिकती हैं।

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