गुरुवार, मार्च 29, 2018

पंजाब की 20 में दस स्टूडेंट यूनियन गैंगस्टर्स व अपराधिक मामलों में शामिल

राज्य के विभिन्न कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में बेशक स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव की पाबंदी है लेकिन मौजूदा समय में बीस स्टूडेंट्स यूनियन बन चुकी है। इन यूनियन में से दस स्टूडेंट्स यूनियन सीधे तौर पर गैंगस्टरर्स व अपराधिक मामलों में जुड़ी है, यहां तक कि राजनीतिक पार्टी की स्टूडेंट्स यूनियन के नाम भी कई अपराधिक मामलों में थानों की एफआईआर में दर्ज हैं। गैंगस्टर्स व हथियारों के प्रभाव में आने वाले स्टूडेंट्स को गैंगस्टर अपना निशाना बनाकर अपने साथ जोड़ रहे हैं। कत्ल, लूटपाट व रंजिश के चलते दुश्मनों पर फायरिंग करने जैसे मामलों में शामिल लोगों ने पंजाबी यूनिवर्सिटी में अपना गढ़ बना रखा है। वहीं अन्य स्टूडेंट यूनियन शांति-पसंद होने के बावजूद इन अपराधिक गतिविधियों वाली यूनियन से बच नहीं पाते हैं। कॉलेज कैंपस व यूनिवर्सिटी लेवल पर होनी खूनी झड़प पढ़ाई खत्म होने के बाद जारी हैं, जिस वजह से गैंगस्टर ग्रुप बने हुए हैं।
यह स्टूडेंट्स यूनियन एक्टिव हैं पंजाब में
इस समय पंजाब स्टूडेंट यूनियन(पीएसयू), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन (डीएसओ), सेकुलर यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसवाईएफआई), आर्गेनाईजेशन ऑफ पंजाबी यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स (ओपस), स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ पंजाबी यूनिवर्सिटी (सोपू), स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एसओआई), यूथ आर्गेनाईजेशन ऑफ इंडिया(वाईओआई), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई), गांधी ग्रुप स्टूडेंट यूनियन (जीजीएसयू), आल इंडिया यूथ एसोसिएशन (एआईयूए), आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), स्टूडेंट एसोसिएशन पंजाब (सैप), आजाद ग्रुप, गरचा ग्रुप लुधियाना के अलावा अन्य कई स्टूडेंट्स यूनियन राज्य के कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में चल रही है। हालांकि इन यूनियन के चुनाव नहीं होते बल्कि सीधे तौर पर प्रधान व मेंबर चुनकर स्टूडेंट्स को जोड़ा जाता है।
किस केस में कौन सा ग्रुप है अपराधी
एसवाईएफआई ग्रुप- नवंबर 2014 में पुलिस वर्दी में गाड़ी पर नीली बत्ती लगाकर लोगों को लूटने वाले गिरोह के मेंबर जगसीर सिंह उर्फ जग्गी कलवाणु व गुरिंदर बाबा को सीआईए स्टाफ पटियाला ने गिरफ्तार किया था। दोनों ही पंजाबी यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। जग्गी डिफेंस की स्टडी कर रहा था। गुरिंदर बाबा ने पीयू में दविंदर बाबा से हाथ मिलाया था और इन लोगों की एसवाईएफआई में गतिविधियां चल रही थी। 
सोपू ग्रुप- बनूड़ में पार्षद के पति दिलजीत सिंह के कत्लकांड में आरोपी संपत नेहरा ने पंजाबी यूनिवर्सिटी में अपना ग्रुप बनाया हुआ था। इसमें अमन गुरदासपुरिया सहित अन्य लोग एक्टिव थे। यह वही लोग थे, जिनपर साल 2009 में फिजीकल कॉलेज में युवक के कत्ल का आरोप लगा था। अमन गुरदासपुरिया जेल में बंद होने के बावजूद सोपू को चला रहा है। 
एसओआई- एसओआई के मेंबरों का वाईओआई ग्रुप के साथ अक्सर मारपीट की घटनाएं है, जिस संबंध में शहर के कई पुलिस थानों में केस दर्ज हैं। हालांकि यह दोनों यूनियन पिछले तीन साल से ज्यादा एक्टिव नहीं दिख रही। 
वाईओआई- पंजाबी यूनिवर्सिटी के गेट पर धनौला ग्रुप के साथ रंजिश के कारण चार साल पहले दोनों गुटों के बीच फायरिंग हुई थी। इस घटना में कुछ लोग जख्मी हुए थे और बाहरी राज्य की जायलो गाड़ी पर गोलियां लगी थी। मामला थाना अर्बन इस्टेट में दर्ज है।  
एनएसयूआई- मोदी कॉलेज पटियाला के बाहर अगस्त 2017 में एनएसयूआई के जिला प्रधान रिदम सेठी पर इसी संस्था के रूरल विंग के मेंबरों ने हमला कर दिया था। राजिंदरा अस्पताल में दाखिल जिला प्रधान की कंप्लेंट पर कोतवाली थाना में केस दर्ज हुआ था। 
जीजीएसयू- लुधियाना के गांव रसूलरां में जन्म लेने वाला रूपिंदर गांधी पंजाब यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट या फुटबाल खिलाड़ी था। खेल व जोशीले स्वभाव के कारण वह मशहूर हुआ और यूथ का आईकान बना लेकिन उसके छोटे झगड़े गैंगस्टर की लड़ाई में बदल गई। महज 22 साल की उम्र में साल 2004 में उसका कत्ल हो गया। उसकी मौत के बाद भी युवा स्टूडेंट्स जीजीएसयू को स्पोर्ट कर रहे हैं। 
सैप ग्रुप- इस ग्रुप से जुड़ा मनु बुट्टर निवासी पातड़ां फायरिंग व रंजिश के कारण दूसरे गुटों के साथ भिड़ने को लेकर अक्सर कंट्रोवर्सी में रहा है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

thanx 4 yr view. keep reading chandanswapnil.blogspot.com

यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार

यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार एसटीएफ की कार्रवाई में आरोपियों से...