राज घराने से तालुक रखने वाले पंजाब कांग्रेस सुप्रीमो कैप्टन अमरिंदर सिंह खाना बनाने के शौकीन हैं, उनके बाप दादाओं के शौक भी निराले थे उनके दादा महाराजा भूपिंदर सिंह की ही बात करें तो उन्होंने साल के केलेंडर के मुताबिक 365 शादियां कर डाली थीं, यानि एक रात एक रानी संग बिताते थे।
कैप्टन अमरिंदर के दादा थे ऐसे
-इतिहासकारों के मुताबिक महाराजा भूपिंदर सिंह की 10 महारानियों समेत कुल 365 रानियां थीं।
-महाराजा की रानियों के किस्से तो अब इतिहास में दफन हो चुके हैं,जबकि उनके लिए बनाए गए महल अब ऐतिहासिक धरोहर बन चुके हैं।
-365 रानियों के लिए पटियाला में भव्य महल बनाए गए थे।
-रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम भी इन महलों में ही रहती थी।
-उनकी इच्छा के मुताबिक,उन्हें हर चीज मुहैया करवाई जाती थी।
-महाराजा की रानियों के किस्से तो अब इतिहास में दफन हो चुके हैं,जबकि उनके लिए बनाए गए महल अब ऐतिहासिक धरोहर बन चुके हैं।
-365 रानियों के लिए पटियाला में भव्य महल बनाए गए थे।
-रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम भी इन महलों में ही रहती थी।
-उनकी इच्छा के मुताबिक,उन्हें हर चीज मुहैया करवाई जाती थी।
कुछ यूं 365 रानियों संग रातें बिताते थे महाराजा भूपिंदर सिंह
-दीवान जरमनी दास के मुताबिक, महाराजा भूपिंदर सिंह की दस पत्नियों से 83 बच्चे हुए थे जिनमें 53 ही जी पाए थे।
-महाराजा अपनी 365 रानियों संग कैसे रहते थे इसको लेकर इतिहास में एक किस्सा बहुत मशहूर है।
-कहते हैं कि महाराजा पटियाला के महल में रोजाना 365 लालटेनें जलाई जाती थीं। हर लालटेन पर उनकी 365 रानियों के नाम लिखे होते थे।
-जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी महाराजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ रात गुजारते थे।
-दीवान जरमनी दास के मुताबिक, महाराजा भूपिंदर सिंह की दस पत्नियों से 83 बच्चे हुए थे जिनमें 53 ही जी पाए थे।
-महाराजा अपनी 365 रानियों संग कैसे रहते थे इसको लेकर इतिहास में एक किस्सा बहुत मशहूर है।
-कहते हैं कि महाराजा पटियाला के महल में रोजाना 365 लालटेनें जलाई जाती थीं। हर लालटेन पर उनकी 365 रानियों के नाम लिखे होते थे।
-जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी महाराजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ रात गुजारते थे।
ये शौक हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह के...
-कैप्टन अमरिंदर सिंह खाना बनाने कीे शोकीन हैं, वे नॉनवेज और वेज दोनों किस्म के खानों के शौकीन हैं।
-कैप्टन अमरिंदर के कुर्ते-पायजामे की कीमत कपड़े की वैरायटी के अनुसार 5 से 10 हजार रुपए होती है। कैप्टन को सर्दी में शेरवानी पसंद हैं।
ये करते हैंं पसंद...
घड़ी, डिजिटल केसिओ, शूज़ हाई क्वालिटी लेदर, चश्मा सिंपल स्पैक्ट्स, मोबाइल, सैमसंग, शौक किताबें लिखना, मिलिट्री इतिहास पढऩा, गार्डनिंग, फोटोग्राफी पहनावा गर्मियों में कुर्ता-पायजामा (पायजामा टाइट चूड़ीदार, कुर्ता हाफ बाजू), सर्दियों में शेरवानी-जैकेट भी, खाना वेज-नॉनवेज दोनों। कॉफी ज्यादा पीते हैंं।
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