पटियाला में करियाना की दुकान करने वाला राम चंद गांधी बड़े भक्त हैं। रामचंद को महात्मा गांधी द्वारा हस्तलिखित एक पत्र रद्दी से मिला, जोकि गांधी जी ने साबरमती के लैटरहेड पर 3 दिसम्बर 1928 को पंडि़त जवाहर लाल नेहरू को लिखा था। पत्र अंग्रेजी में लिखा गया है जिसमें उन्होंने लंबे समय बाद पंडि़त नेहरू से मिलने की बात लिखी है।
करीब 35 साल पहले गांधी जी द्वारा हस्तलिखित पत्र उन्हें रद्दी अखबारों के बीच मिला था। उस समय वह अखबारों की रद्दी से लिफाफे बनाने का काम करते थे। जब उनकी नजर पत्र पर पड़ी तो उन्हें गांधी जी द्वारा हस्तलिखित पत्र देखकर बड़ा गर्व महसूस हुआ और उन्होंने पत्र को फ्रेम में लगाकर इसको दुकान में टांग रखा है।
रामचंद के अनुसार जिस किसी की नजर गांधी जी के इस पत्र पर पड़ती है तो वह जरूर आश्चर्यचकित होता है। इस पत्र को खरीदने के लिए उनके पास लाखों रुपए तक का ऑफर आ चुका है, लेकिन वह किसी कीमत पर भी पत्र को नहीं बेचेंगे। इस पत्र को चुराने के लिए भी फोन काल भी आए लेकिन वह अपनी बात पर अडिग रहे।
रामचंद का कहना है कि लोग आज महात्मा गांधी जी का नाम केवल निजी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि सियासी लोग उनके जन्मदिन पर अपनी फोटो छपवाने के लिए आगे आते हैं, लेकिन बड़े शर्म की बात है इसके बाद उन्हें याद तक नहीं किया जाता है।
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