सोमवार, सितंबर 19, 2011

क्या होता है परिसंपत्ति बुलबुला?


संपत्ति अपने आप में एक ऐसी चीज है जो किसी भी समय आपके काम आ सकती है। लोग केवल अपने उपयोग के लिए ही संपत्ति की खरीद नहीं करते हैं बल्कि निवेश करने के लिए भी संपत्ति खरीदते हैं। पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में काफी तेजी देखी जा रही है, जिसके चलते जिन लोगों ने पहले ही सोने में निवेश कर दिया था उन्हें काफी लाभ हुआ है।



लेकिन कई बार संपत्ति की कीमत में अचानक से ही बढ़ोतरी होने लगती है तब इस बात की आशंका पैदा हो जाती है कि कहीं यह बढ़ोतरी कृत्रिम (एसेट बबल) तो नहीं है। मतलब कि कहीं यह अचानक से ही गायब तो नहीं हो जाएगी। उदाहरण के लिए सोने की कीमतों को लेकर भी जानकारों के बीच इस बात को लेकर बहस चल रही है कि सोने की कीमतों में आ रहा अप्रत्याशित उछाल वास्तविक है या फिर ये केवल एक एसेट बबल है।
क्या होता है परिसंपत्ति बुलबुला?
एसेट बबल यानि परिसंपत्ति बुलबुले का अर्थ यह है कि जब किसी संपत्ति या वस्तु की कीमत उसकी वास्तविक कीमत से ज्यादा बढऩे लगती है या फिर उसके दाम कीमत के मुकाबले सेंटिमेंट के हिसाब से चलने लगते हैं।



लेकिन फिर अचानक ही उसकी कीमतों में भारी गिरावट आ जाती है जिससे उसके दाम काफी नीचे आ जाते हैं तो इसे एसेट बबल का फूटना कहते हैं। यह पूंजी बाजार ,आर्थिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में हो सकता है। परिसंपत्ति बुलुबुला की अवधि तो कम होती है लेकिन यह संबंधित संपत्ति की कीमतों पर अपना असर ज्यादा लंबे समय तक छोड़ता है।




परिसंपत्ति बुलबुला बनने के उदाहरण बताएं?
सबसे बड़ा परिसंपत्ति बुलबुला 20वीं सदी के दूसरे दशक के दौरान अमेरिकी शेयर बाजार में आया था। उस समय अमेरिका में आर्थिक तरक्की और समृद्धि का दौर चल रहा था। लेकिन 1929 में अमेरिकी शेयर बाजार का यह करिश्मा टूटा और वैश्विक मंदी की शुरूआत हो गई। कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के शुरू होने में इस वैश्विक मंदी का भी योगदान रहा था जिसमें लाखों लोग मारे गए थे।



इसी तरह का एक बुलबुला बीसवीं सदी के अंत में भी आया था। इसकी शुरुआत 1990 में हुई थी। इस बबल के दौरान वैश्विक स्तर पर मार्केट में तेजी दर्ज की गई लेकिन 2000 में यह बबल फूटा और दामों में तेजी के साथ कमी दर्ज की गई। इस तरह 2008 के दौरान अमेरिका में हाउसिंग बुलबुला पैदा हुआ और जो आखिरकार सब-प्राइम संकट में तब्दील हो गया है। इसकी वजह से पूरी दुनिया की इकोनॉमी में उथल-पुथल मच गई।




परसंपत्ति बुलबुला को कैसे पहचानेंगे?
परिसंपत्ति बुलबुले की पहचान करने का कोई वैज्ञानिक और प्रामाणिक तरीका नहीं है। इसका पता तब ही चलता है जब यह फूट जाता है। शुरुआती दौर में तो इसका पता करना बहुत ही मुश्किल होता लेकिन बाद में कुछ संकेतों से इसे पहचाना जा सकता है। जब संपत्ति की कीमत लगातार बढऩे लगे तो यह बात समझ लेनी चाहिए कि क्यों बिना रुके संपत्ति की कीमत बढ़ रही है।



संपत्ति की कीमत बढऩा आम बात है लेकिन जब इसमें बिना रुके हद से ज्यादा बढ़ोतरी होने लगे तो यह बात फिर गौर करने लायक हो जाती है कि कहीं यह परिसंपत्ति में बन रहा बुलबुला तो नहीं है जो कभी भी फूट सकता है।

1 टिप्पणी:

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