चंदन स्वप्निल
पाकिस्तान की सोची-समझी साजिश:पिछले दिनों पाकिस्तान रेडियो के लाहौर केंद्र ने अपने इसी कार्यक्रम में पंजाब के युवाओं और किसानों को ड्रग पैडलर बनने के गुर सिखाए। बताया कि कैसे पाकिस्तान के रास्ते पंजाब में हेरोइन, स्मैक जैसे मादक द्रव्यों की तस्करी में मदद कर सकते हैं। इसके लिए बताया कि सीमा से सटे भारतीय गांवों के किसान किस तरह मजबूर हैं और नशे की चपेट में हैं। इसके पीछे रेडियो पाकिस्तान की सोची-समझी रणनीति है। भारत से संबंधित जिन तथ्यों का वह इस्तेमाल करता है वे इंटरनेट से जुटाए होते हैं और वह उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर सुनाता है।
बरनाला गांव के जमींदार सुरजीत सिंह ने बताया कि पाकिस्तान हमारे युवाओं को बरगला रहा है। दरअसल वह इस कार्यक्रम के जरिए यहां पर ड्रग पैडलरों की एक फौज खड़ी कर रहा है। वह हमारी खेती और मेहनत का लोहा मानने वाली दुनिया की नजर में हमारी छवि नशेड़ी के रूप में पेश करने में जुटा है। सभी को पाकिस्तान के असली चेहरे जानकारी है। पाकिस्तान कैसे मादक पदार्थो की तस्करी करवाता है, यह किसी से छिपा नहीं है। अब वह तस्करी के लिए भारत के युवाओं को भी बरगला रहा है।
विभाजन के समय कीर्तन सुनाते थे: विभाजन के समय इस क्षेत्र में एकमात्र रेडियो पाकिस्तान की ही पहुंच थी। तब इस पार के ग्रामीण लाहौर के प्रसारण को बड़े चाव से सुना करते थे। रोज शाम सात बजे पंजाबी दरबार कार्यक्रम में कीर्तन सुनाया जाता था। इसी से यहां के लोगों में रेडियो पाकिस्तान लोकप्रिय हो गया। बाद में भारतीय रेडियो केंद्र खुला और अमृतसर से कीर्तन का प्रसारण शुरू हुआ।
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