गुरुवार, फ़रवरी 01, 2018

खुदकुशी करने वाले किसान इन 12 किसान दोस्तों से सीखें कर्ज मुक्ति का रास्ता, जिंदगी होगी मालामाल

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खमाणो ब्लॉक के गांव नानोवाल में फ्रैंड्स फार्मर्स वेलफेयर क्लब के किसान बातचीत करते 

 आज पंजाब में कर्जे तले दबे किसानों का मुद्दा सबसे हॉट इशू बना हुआ है। पिछले कुछ समय से राज्य में कर्जे के चलते किसानों की आत्महत्याओं की गिनती भी लगातार बढ़ी है। किसान सरकार से कर्जा माफी को लेकर जहां सूबे भर में आंदोलन कर रहे हैं, वहीं फतेहगढ़ साहिब जिले के खमाणो ब्लॉक के गांव नानोवाल के 12 किसान दोस्तों ने एक समूह बनाकर कर्जा व खर्चा से मुक्ति पाने का बेहतरीन रास्ता खोजा है। गांव नानोवाल के किसान गुरविंदर सिंह सोही ने अगस्त 2014 में अपने 12 दोस्तों के साथ मिलकर फ्रैंड्स फार्मर्स वेलफेयर क्लब बनाया। शुरुआत में 5 हजार रुपए प्रति किसान मेंबरशिप एकत्र करके खेतीबाड़ी के लिए साझे तौर पर इस्तेमाल होने वाली मशीनरी खरीदी। इससे सभी 12 दोस्तों ने मिलकर खेती करनी शुरू की। फायदा यह रहा कि महंगी मशीनरी खरीदने पर किसी एक किसान पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ा। एक खर्चा 12 हिस्सों में बंट गया। इसके बाद इन 12 दोस्तों ने 6 महीने बाद (धान/गेहूं की एक फसल कटने के बाद)किसान सुविधा के मुताबिक रकम इकट्ठी करके मशीनरी में बढ़ोतरी शुरू कर दी। अब आलम यह है कि मौजूदा समय में इस समूह के पास रोटावेर, हैप्पी सीडर, तवियां, रिजर, पावर स्प्रे पंप, ट्रैक्टर ऑपरेटेड पंप, सीड ड्रिल आदि जैसी लगभग 5 से 6 लाख रुपए की महंगी मशीनरी तैयार कर ली है। इस सारी मशीनरी को ये 12 किसान अपनी जरूरत के मुताबिक खेती के लिए यूज कर रहे हैं। 
 165 एकड़ की खेती कर रहे हैं ये 12 किसान 
 इन 12 किसान दोस्तों जिनमें गुरकरण सिंह, बलजीत सिंह, हरिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, सुखवंत सिंह, हरप्रीत सिंह, सतविंदर सिंह, गुरिंदर सिंह, बलविंदर सिंह, अमरजीत सिंह, वतनदीप सिंह का कहना है कि उनकी इस सामूहिक कोशिश के चलते उनकी खेती के लिए प्रति किसान होने वाले खर्चे में भारी कमी आई है। इससे उनकी आमदन में बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि अब ये सभी 12 दोस्त निजी और ठेके पर मिलकर करीबन 165 एकड़ जमीन की खेती कर रहे हैं। 
 12 किसान दोस्त खुद ही बेचते हैं अपनी फसल 
 ये 12 दोस्त सिर्फ गेहूं धान के फसली चक्कर में ही नहीं उलझे हैं, बल्कि  अपनी फसल की ज्यादा आमदनी लेने के लिए सरसों का तेल, दालें, शहद, हल्दी, मिर्च, गेहूं, व मक्की का आटा, गुड़, शक्कर आदि उपभोक्ताओं को खुद बेच रहे हैं। इन सभी चीजों को बेचने के लिए ये 12 किसान दोस्त पंजाब के अलग अलग किसान मंडियों में स्टाल लगाने के लिए भी जाते हैं।  
 चाहते हैं पंजाब सरकार उन्हें सब्सिडी दें- 
 इन 12 किसान दोस्तों ने दैनिक भास्कर के माध्यम से पंजाब सरकार से अपील करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक में किसान समूहों को राज्य सरकारों द्वारा खेती को उत्साहित करने के लिए विशेष रियायतें दी जाती हैं, जबकि पंजाब में डूबती किसानी को बचाने के लिए सरकारों द्वारा कुछ विशेष नहीं किया जा रहा है। उनके समूह की मांग है कि किसानों से कर्जा लेने की परंपरा को खत्म करने के लिए गांवों में किसान खेतीबाड़ी समूह बनाए जाएं और उनको मशीनरी, बीज, खाद आदि पर सब्सिडी पहल के आधार पर दी जाए।
 परमवीर सिंह

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