गुरुवार, फ़रवरी 02, 2012

२ज़ी गाड गिफट

2जी घोटाले की गाज उपभोक्ताओं पर भी गिरेगी। १२२ मोबाइल कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। कंपनियों को चार माह में दोबारा लाइसेंस लेने के लिए बोली में शामिल होना है। सरकार भी इस बार पिछली बार सस्ते में दिए गए इन लाइसेंसों से ज्यादा पैसा वसूलकर अपनी स्थिति संभालने की कोशिश करेगी। पैसा जितना ज्यादा खर्च होगा, वह कंपनियां रिकवर भी जनता से ही करेंगी और इसी कारण कंपनियों के टैरिफ व प्लान महंगे हो जाएंगे और सुविधाओं में भी कटौती हो सकती है। मोबाइल कंपनियों के खर्च बढऩे से कॉल दरें महंगी हो सकती हैं। कंपनियां अगर अपने लाइसेंस नहीं बचा पाई तो लोगों को अपना नैटवर्क व घ्लान बदलने पड़ेंगे। लोगों को मिल रही सस्ती सुविधाएं कट जाएंगी। एक पैसा कॉल का घ्लान खत्म ही हो सकता है। यह साफ नहीं है कि रद्द हुए लाइसेंस के बदले नए आवंटन की जो प्रक्रिया होगी उसमें इन कंपनियों को शामिल किया जाएगा या नहीं। स्पैक्ट्रम का पूरा इस्तेमाल होगा तो कॉल ड्राप की समस्या खत्म हो जाएगी। नेटवर्क क्वालिटी बेहतर हो सकती है। लाइनों में आने वाली बाधा खत्म हो जाएगी। 

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