मंगलवार, अप्रैल 28, 2020

यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार


यहां खाकी बदनाम :-
नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार

एसटीएफ की कार्रवाई में आरोपियों से 15 किलो भुक्की, 250 ग्राम चरस, 5ग्राम हेरोइन, 30 बोतल देसी शराब और  2 लाख 71 हजार रुपए बरामद 
चंदन स्वप्निल । नाभा / पटियाला

एक और जहां पंजाब पुलिस के एएसआई हरजीत सिंह की सारी पंजाब पुलिस हौसला अफजाई कर रही है, उसके नाम की नेम प्लेट लगाकर सारे पुलिस कर्मचारी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वहीं नाभा में तैनात पटियाला पुलिस के दो मुलाजिमों ने इस खाकी को आज ही बदनाम कर दिया। बीती देर रात एसटीएफ पटियाला रेंज की टीम ने रोहटी पुल थाने में एक गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारा था।
स्पेशल टास्क फोर्स पटियाला रेंज की टीम ने नशा तस्करों को पकड़ने के बाद उनसे मोटी रकम वसूल उनको छोड़ने वाले पंजाब पुलिस के एक सहायक थानेदार समेत एक सिपाही के विरुद्ध पुलिस केस दर्ज किया है। इनके कमरों से 15 किलो भुक्की, 250 ग्राम चरस, 5 ग्राम हेरोइन, 30 बोतल देसी शराब समेत सहायक थानेदार मनजीत सिंह के घर से 2 लाख 71 हजार रुपए भी बरामद हुए हैं।
स्पेशल टास्क फोर्स पटियाला जोन के आईजी बलकार सिंह सिद्धू ने बताया कि यह सहायक थानेदार मनजीत सिंह इंचार्ज पुलिस चौकी रोहटी पुल नाभा और सिपाही गगनदीप सिंह के विरुद्ध विभिन्न धाराओं और एनडीपएस एक्ट के अंतर्गत थाना एसटीएफ फेस-4, मोहाली में केस दर्ज किया गया है।

तस्करी का माल दबा लिया था
आईजी सिद्धू ने बताया कि 26 अप्रैल को एसटीएफ को सूत्रों से सूचना मिली थी कि पुलिस चौकी रोहटी छन्ना में तैनात सहायक थानेदार मनजीत सिंह इंचार्ज रोहटी पुल, नाभा और सिपाही गगनदीप सिंह दोनों आपस में मिल कर नशा बेचने वाले तस्करों को पकड़ कर उनसे लाखों रुपए की मोटी रकम वसूलते फिर उनको छोड़ देते हैं। उनसे बरामद हुआ नशा (हेरोइन वग़ैरह) अपने पास रख लेते हैं। बरिन्दर सिंह उर्फ गग्गू पुत्र रजिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू और मनजीत कौर पत्नी फौजा सिंह जोकि गाँव रोहटी छन्ना, नाभा के रहने वाले हैं और ये हेरोइन बेचने का धंधा करते हैं। इनको 24 अप्रैल को एसआई मनजीत सिंह और सिपाही गगनदीप सिंह ने मिलकर पकड़ा था। इसके बाद उसी दिन इन्होंने मनजीत कौर पत्नी फौजा सिंह को हेरोइन समेत पकड़ा था।
दोनों ने ऐसे की डिलिंग तस्करों के साथ
मनजीत सिंह और सिपाही गगनदीप सिंह इन दोनों को पुलिस चौकी रोहटी पुल ले गए थे, जो चौकी रोहटी पुल, नाभा के इंचार्ज मनजीत सिंह ने अपने साथी मुलाज़ीम के साथ मिल कर वरिन्दर सिंह को छोड़ने के बदले ढाई लाख रुपए गुरचरन कौर उर्फ चरनजीत कौर उर्फ चरने से पत्नी मलकीत सिंह निवासी रोहटी छन्ना के जरिए सौदा किया था। इसमें से 90 हजार रुपए चौकी इंचार्ज मनजीत सिंह ने ले लिया था और 1 लाख 60 हजार रुपए बकाया मनजीत सिंह को देना था। इसके इलावा मनजीत सिंह ने मनजीत कौर को छोड़ने बदले 1 लाख रुपए मांगे थे, जिस पर 75 हजार रुपए में सौदा हुआ था। मनजीत कौर ने चौकी इंचार्ज मनजीत सिंह को 70 हजार रुपए दे दिए थे और 5 हजार रुपए बकाया था।
बरामद नशा बेचने के लिए दूसरे तस्करों पर बनाया दबाव
सिद्धू ने बताया कि पुलिस मुलाजिमों ने इन दोनों के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही किये बिना इनको चौकी से छोड़ दिया। इनसे बरामद हेरोइन को चौकी इंचार्ज और सिपाही गगनदीप सिंह ने अपने पास ही रख लिया। मनजीत सिंह और गगनदीप सिंह ने मौजूदा काम बंद करने वाले नशा तस्करों पर दबाव डाल कर नशा बेचने के लिए मजबूर किया था, इसकी भी जाँच जारी है। सहायक थानेदार मनजीत सिंह और सिपाही गगनदीप सिंह ने एक बिल्ला नाम के व्यक्ति की स्कौडा कार भी छुपा कर रखी हुई थी। मनजीत सिंह, बिल्ला से कार छोड़ने के बदले पैसों की माँग करता था, एसटीएफ ने ये कार भी बरामद की है। बरिन्दर सिंह के पिता रजिन्दर सिंह के ख़िलाफ़ अलग-अलग थानों में आठ मुकदमे एनडीपीएस के तहत दर्ज हैं, जोकि अभी नई जेल नाभा में सजा काट रहा है। आईजी सिद्धू ने बताया कि मनजीत कौर पत्नी फौजा सिंह के विरुद्ध 5 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। चरनजीत कौर उर्फ गुरचरन कौर उर्फ चरने पर भी पहले अलग -अलग थानों में 04 मुकदमे दर्ज हैं। इस पर उप कप्तान पुलिस एसटीएफ पटियाला सुक्खअमृत सिंह रंधावा ने अपनी पुलिस पार्टी के साथ सहायक थानेदार मनजीत सिंह और सिपाही गगनदीप सिंह के ठिकानों पर छापा मारा लेकिन वे वहां से फरार थे। रंधावा की टीम ने मनजीत सिंह और गगनदीप सिंह के बक्से जोकि इन के रिहायशी कमरे पुलिस चौकी रोहटी पुल में पड़े थे। वहां से 15 किलो भुक्की, 250 ग्राम चरस, 5 ग्राम हेरोइन, 30 बोतल देसी शराब और मनजीत सिंह के घर से 2 लाख 71 हजार रुपए बरामद हुए हैं। मामले में अभी जांच जारी है और दोनों दोषी फ़रार हैं। इसके अलावा मनजीत कौर और गुरचरन कौर उर्फ चरनजीत कौर उर्फ चरने को गिरफ़्तार कर लिया गया है, जिनका रिमांड लेकर पूछताछ की जायेगी।
दोनों पुलिस मुलाजिम नौकरी से बरख़ास्त : एसएसपी
एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू के मुताबिक ज़िला पुलिस के एक सहायक थानेदार और एक कांस्टेबल को नशा तस्करों के साथ मिलीभगत कर उनसे पैसे लेकर छोड़ने के मामले में दोनों को नौकरी से बरख़ास्त किया गया है। आरोपी मनजीत सिंह 1986 से पुलिस में भर्ती हुआ था। वहीं सिपाही गगनदीप सिंह 2011 में भर्ती हुआ था। सिद्धू ने बताया कि इन दोनों भगोड़े मुलाज़ीम के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से नौकरी से बरख़ास्त किया गया है।

शनिवार, अक्तूबर 05, 2019

Legalising opium is solution to end ‘Chitta’

Captain govt miserably failed to deal with drugs: Dr SS Johl

Popularly known as ‘kali nagni’ in Punjab (the black female serpent,) opium should not be considered as bad drug says, prominent Economist and Chancellor of Central University of Punjab, Dr Sardara Singh Johl.
As per Johl, Punjab government should legalise cultivation of opium as it is a medicinal crop and its intake can keep many serious health issues at bay. It is pertinent to mention that earlier, the former Member Parliament Patiala Dr. Dhramvira Gandhi had also suggested the idea for cultivating the drug which was subsequently backed by the former Cabinet Minister Navjot Singh Sidhu.
Meanwhile, Chief Minister of Punjab Captain Amarinder Singh had  turned down the proposal of legalising opium cultivation and had also underscored that a special force has been set up to clamp down on drug menace. Interview with the renowned economist revealed that Captain’s Government has allegedly failed to curb the drug menace in the state.

Q :Captain Amarinder Singh has promised to end drug menace. What are your supposed perceptions? A :Governments come to power and go but their promises remain the same that ‘they will end the drug menace’. The problem is same with the Captain’s government who has miserably failed to deal with drugs, which is on an escalating rise in the state.

Q :Governments of Rajasthan and Madhya Pradesh have legalised cultivation of opium. Do you think Punjab should follow the same route?
A :Indeed, these governments legalised the opium production and allowed to people who have a proper license and documentations. The same method must be opted by Punjab government. I don’t think there is any problem in cultivating such medicinal crop.

Q :According to media reports, Synthetic drugs like heroin, LSDs are commonly used by the youth of Punjab. How can we stop it?

A :Not only synthetic drugs and heroin but many people are addicted to ‘Iodex’ (Fast relief multipurpose pain balm.) As a spectator, I saw a group of youth huddled up in a street taking Iodex, it wretched my heart, I asked an onlooker man about them and he said when they did not have enough money to purchase drugs like heroin, they use cheap drugs. Shockingly, they also used a lizard to puff as it was also another kind of drug.

Q :Many politicians are named to back such smugglers, to what extent do you agree?
A :
Yes, I agree that many politicians are fearlessly backing drug smugglers in the state. Even police and high profile people are also nowadays indulged in the vast network of drugs.

Q :Do you think opium is really good for health and can cure serious health problems without harming us?
A :
Yes, it is a natural medicinal crop which is good for blood circulation and knees, especially for elderly people. I believe it is a medicine which should be made legalised in the state. According to me, controlling or banning its sale is no solution as it is a medicine. Moreover, if opium, as medicine, will available to people then cultivation of heroin will never take place. When governments stop sale of genuine drugs, then people, unwantedly, start smuggling it. This is the syndrome which government should control. The only solutions to the issue of drugs are adequate employment and source of entertainment.

Q :How addicts can reduce dependency on drugs? Is there any particular solution to the problem?A :I still remember when I was working with United Nation in Iran, after the working hours in evening, due to non-availability of entertainment source; I started consuming liquor with my colleagues and friends. Later, many people got addicted to consume liquor and the same situation is in Punjab, where unemployed youth get together in the evening and consume drugs instead of milk.
Before elections, I had delivered a lecture in which I mentioned about how we can get the state rid-off from menace of drugs. During the speech in that college, I highlighted the numerous solutions such as providing proper employment and source of entertainment. By adopting this route, drugs in Punjab would definitely see the downfall.
Evening proves to be very dangerous for Punjab youth as most of them want to consume drugs. To end this act, such people should be engaged in some work and government should provide adequate space for playgrounds and library in every nook and corner of the state, so that they should keep themselves engage. Interestingly, if this becomes reality then every youth of Punjab will have milk instead of liquor.

Q :Challenges faced by farmers are major concern for Punjab. What initiatives should be taken to improve their situation?

A :I had pitched a model of Japan, where as many as 95 per cent farmers are successfully working as part time farmer. Meanwhile, earlier in the day, such farmers work on fields of others and later in the day, they do other works.
According to me, there is a need to integrate major sectors, including industrial, service and agriculture. People working in these sectors should be dependent on each other and such a way farmer will not have enough time to move out of his field during the working hours. However, to make it possible, we need political will, which is not present.
Besides, government should motivate small, medium companies and start-ups to come up in villages. The state should give concession, capital subsidies and exemption from taxes to those who are willing to start a company in any village of Punjab. In Himachal Pradesh, whenever an industry is set-up, the government has maintained such laws in which 70 per cent employment should be involved from that particular place. So, Punjab should go the same route for the development of farmers. By doing this, farmers will get themselves involve in various activities and will also find the employment.
If we provide regular income to the small farmers, then the agriculture sector can grow easily.

Q :People are nowadays moving abroad and involved in small jobs, including as cleaner, waiter etc. What are your views?

A :Yes, it is very serious issue. People, mostly, youth prefer to move to foreign countries because opportunities and employment have been finished here. So, they are being forced to study and work in various countries. There is no scope in Punjab of getting better employment opportunities. In the state, if migrants are working in Punjab then why not Punjabis can go to foreign countries.

Q : Arvind Kejriwal and Captain Amarinder Singh approached you during the last S
tate elections, what did they said?
A :Kejriwal, along with Sangrur Member of Parliament (MP) Bhagwant Mann call on me and asked to be face of Aam Aadmi Party in Punjab. However, they were travelling in a sinking boat.
Interestingly, when Amarinder got to know about Kejriwal visited at my place and asked me to join his party; he immediately called me and asked to help him out in his party manifesto. Even, he later sent his two-three associates to convince me. Later, I met Captain and told him that my earlier projects are yet not implemented. Meanwhile, he felt sorry. I asked him politely that are you fearing that what will happen if I join AAP, he said “yes”. But I took him into confidence that I would not join any party and Amarinder told me that it’s enough for him.
So, this was happened at that time when both the counterparts approached me.

Q :Do you think Kothari Commission is boon for youth?

A :Education seemed to be the least priority for this current government, however, the Kothari Commission report is proving boon for youth here. But I don’t think many are following it. Education is primary responsibility of the government and accountability should be fixed. Though, I am not the follower of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal, but he has fixed the accountability in the education sector.


गुरुवार, सितंबर 26, 2019

The priority of CM is to make Punjab free of intoxication


Captain Amarinder Singh-led Congress government rode to power in Punjab on the poll plank of ridding Punjab of drugs in a month, however, even after completion of half its tenure, the drug problem remains a challenge for the government despite its efforts.
 Punjab health minister Balbir Singh Sidhu tells CHANDAN SWAPNIL about the hurdles that the government faces and plans for tackling the problem…


CS :- Your govt came in power with promise of Eradication of drugs. How has the situation improved?
Sidhu :- More than thousands of drug smugglers have been caught till now by us. We were able to break the chain supplies of drugs but we were unable to control supplies which come across the border.  We are working on it, with the help of centre government. They have caught a lot of consignments. The government which was in power before had supported such cause instead of working against them. Our government has made sure to get hold off all the people involved, even if they are big names. This issue not only requires governments help but societies’ too.
CS :- Shortage of psychiatrists and other has been one of the biggest hurdles. With only 130 psychiatrists in government hospitals and private centers when 300 are required. Why this crisis of manpower not solved?
Sidhu :- We are hiring psychiatrists on daily basis. Government is there for the benefit of people but if people trust someone after God then it is doctors since the world has become too commercialized everyone is running after status and money. Doctors are running towards private hospitals because they are more of show off whereas government hospitals are simple. There are various kinds of doctors; some are really serving people well.
CS :-In the policy matter why do we not take help from expert of AIMS? Senior doctors like Dr. Satish and Dr. Atul Ambekar say that the government is not dealing with the private sector properly?
Sidhu :- I didn’t know about their statement. I will make sure to go to speak to them.
CS :- Why Punjab government is not adopting flexibility in the treatment of patients? Even when the patient goes missing for several days, no efforts are made infact government blames the patient whereas it can be brought into the mainstream by interpretation.
Sidhu :- Government is handling this situation well. Children who are into drugs are kept confidentially and are taken care off but there are some who cannot be treated or you can say are critical, are sent back. Trying to get them on the right path with confidence. The priority of CM is to make Punjab free of intoxication. We are working in this direction.
CS :- 7 lakh 20 thousand drug patients in Punjab, the government has managed to cover about 2.10 lakh drug addicts (30%) in the state. What is being done to make the remaining drug addicts join centres for treatment?
 Sidhu :- There are many types of intoxication. Chitta, opium or small fat addicts. Due to this, the number of addicts becomes more, but in reality only 2 lakh 10 thousand which need more attention.
CS :- Why is the stock of medicine not being brought to more and more private institutions along with oat clinics? Why the supply of buprenorphine limited to a few stock holders?
Sidhu :- We are bringing more oat clinics and we have decided to give more weightage to government treatments and control private treatments by limiting them. We have checked that some doctors in the private sector are using it wrongly, we will slowly clamp down on them.
CS :- It has been revealed in my investigation that more medicines are being given to the patient than stock?
Sidhu: - I am reviewing all the files and what I think is that instead of de-addiction centers, we will build rehabilitation centers which are my dream. In Punjab, we will establish four-five rehabilitation centers, which will be of five acres. There will be children's studies, games, and recovery rooms. We will encourage these children by calling them good celebrities of the country and the world. We would like to keep such children busy. They need more counseling. Private hospitals have made it a business to sell pills. If you are a psychiatric, you have to give medicine on its prescription. How much medication is to be given will also be decided. Any doctor caught selling more pills than required, will be punished.
CS:- There is a discussion in the Doctor’s lobby that former Health Minister Brahm Mohindra and Health Secretary Satish Chandra were replaced by CM because they failed to crack down on drug mafia? So far you have not removed the biggest fish (a couple) who are running this as a business, while the entire ministry has been changed?
Sidhu: -Last week I met with the Chairman of the National Price Control. We have discussed this issue. People will get medicine at a competitive rate. The names you have mentioned, there are many such people, we will stop them, they are being reviewed. Since Brahma Mohindra was old, but I am young and have already paid many visits. I will also personally visit private de-addiction centers.
CS:- Many doctors have come in contact with us, who said that Dr. Amit has left his agents, who tricked away their patients.
Sidhu:- Only one de-addiction center will run in the name of a doctor, he will be present there for 24 hours. If more than one private de-addiction center is found in the name of a doctor, then his license will be canceled. The government will not tolerate such kind of practices. Now, we can cancel all such centers which are running by reviewing them personally.
CS :- The Punjab government was encouraging the establishment of private de-addiction and rehabilitation centers. What is being done to ensure that private centers follow the rules?
Sidhu:-Perhaps the previous government felt that they cannot reach everyone, and that’s why this was implemented. But we are going to change this rule, since we are worried too about the comfort of our people.
CSWhy Implementation of Punjab State Mental Healthcare Rules, 2019, has been delayed?
Sidhu:- No doubt that it is taking time, but we will implement it. We will not take any sort of ease in this. We are choosing different districts to launch new schemes. Our aim is to mobilize all the people of Punjab. Society should love such children instead of ignoring them, so that they can return to the mainstream.
CS :-The final question is how to crack the drug mafia?
Sidhu:- There is not only one such drug mafia, patients are being robbed at many places . We are going to open a Public Health Center in every government hospital so that the drug mafia can be cracked. That was my purpose for the Delhi meeting. The MRP rate on the drug remains high. We want to end this deception. There is a difference of 60% in their medicine. As a minister, I myself will also investigate the factory, barrier and drug bills received by the people. It is our objective to bring it under the necessary medicine so that the patients can get the medicine at a reasonable rate.


प्राइवेट डॉक्टर नशेड़ियों को नहीं दे सकेंगी दवा, ओट केंद्र से सस्ती मिलेगी दवा : मंत्री


पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धृ से नशे की रोकथाम को लेकर हुई, मेरी बातचीत के अंश पढ़ें…
सवाल : आपकी सरकार नशे का खात्मा करने के वादे के साथ आई थी, अब इसमें कितना बदलाव आया है? 
·         जवाब : ड्रग के बड़े तस्कर हमने पकड़कर अंदर कर दिए और हजारों केस दर्ज किए हैं। सीमा पार से आने वाले नशे पर भी अब धीरे-धीरे नकेल कसी जा रही है। इसमें केंद्र की मदद से पकड़ी जा रही है। पिछली सरकार ने बजाए इनपर नकेल कसने के इनको प्रश्रय देकर रखा। अब जब बड़े तस्कर पकड़े गए तो उसमें पिछली सरकार की मिलीभगत सामने आई है। हमारी सरकार ने इन पर नकेल कसी है। पुलिस अफसरों पर भी केस किए हैं। केवल सरकार इस पर अकेले नकेल नहीं कस सकती, इसमें सबका साथ चाहिए।
·         सवाल : मनोचिकित्सकों की काफी कमी है।सरकारी अस्पतालों और निजी केंद्रों में केवल 130 मनोचिकित्सक हैं, जबकि आवश्यकता 300 की होती है। इसका हल क्यों नहीं हुआ?
·         जवाब : हम दैनिक आधार पर मनोचिकित्सकों की भर्ती पर काम कर रहे हैं। सरकार ने क्षेत्रवार वेतन भी तय कर रखा है। फिर भी डॉक्टरों का प्राइवेट की तरफ रुझान ज्यादा रहा है। इससे हालात में काफी सुधार आया है।
·         सवाल : सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, सरकार उन्हें रोकने में क्यों नाकाम रही है?
·         जवाब : सरकार लोगों के लाभ के लिए है, लेकिन अगर लोग भगवान के बाद किसी पर भरोसा करते हैं तो वह डॉक्टर है। क्योंकि दुनिया बहुत व्यवसायिक हो गई है हर कोई पैसे के पीछे भाग रहा है। डॉक्टर निजी अस्पतालों की ओर भाग रहे ,हैं क्योंकि वहां चमक-दमक ज्यादा है, जबकि सरकारी अस्पताल आम होते हैं। कई तरह के डॉक्टर हैं,  कुछ वास्तव में अच्छी तरह से लोगों की सेवा कर रहे हैं।
·         सवाल : पॉलिसी के मामले में हम एक्सपर्ट डॉक्टर्स एम्ज से उनकी मदद क्यों नहीं लेते? डॉ सतीश और डॉ अतुल आंबेकर जैसे सीनियर डॉक्टर्स का बयान है कि सरकार प्राइवेट सेक्टर को सही तरीके से डील नहीं कर रही है?
·         जवाब: मुझे आपके जरिए इस बारे में पता है। हम इनसे भी टाइअप करेंगे।
·         सवाल : पंजाब सरकार मरीज के इलाज में लचीलापन रुख क्यों नहीं अपनाती? 7-7- दिन के बाद अगर मरीज नहीं आता है, तो उसकी खोज खबर क्यों नहीं ली जाती। सरकार उलटा मरीज पर ही केस डालने की बात करती है, जबकि समझाइश से उसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है?
·         जवाब: जो बच्चे इस ओर चल पड़े हैं, हम उनकी पहचान गुप्त रखते हुए इलाज कर रहे हैं। उन्हें समझाइश की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें भरोसे में लेकर सही रास्ते पर लाने की कोशिश कर रही है। सीएम की प्राथमिकता नशा मुक्त पंजाब करना है। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।
·         सवाल : 7 लाख 20 हजार मरीज हैं पंजाब में, अब तक केवल 2 लाख का इलाज ही हुआ है, यानी केवल एक तिहाई तक ही पहुंचे। लेकिन इस संख्या को बढ़ाया क्यों नहीं जा रहा है?
·         जवाब: नशा कई तरह का है। चिट्‌टा, अफीम या छोटा मोटा नशा करने वाले है। इस वजह से नशेड़ियों की संख्या ज्यादा हो जाती है, लेकिन असल में वो 2 लाख 10 हजार ही जिन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
·         सवाल : दवा का स्टॉक ओट क्लीनिक के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट संस्थाओं तक क्यों नहीं पहुंचाया जा रहा ? ब्यूपेरोनोफीन की सप्लाई को कुछ हाथों तक ही क्यों सीमित रखा गया है?
·         जवाब: ओट क्लीनिक की संख्या बढ़ाने जा रहे हैं। हमने जांच की है कि प्राइवेट सेक्टर में कुछ डॉक्टर इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, हम उन पर धीरे-धीरे शिकंजा कसेंगे। सरकारी इलाज को बढ़ावा देंगे। प्राइवेट डॉक्टर नशेड़ियों को नहीं दे सकेंगे दवा, ओट केंद्र से सस्ती मिलेगी दवा।
·         सवाल : मेरी जांच में सामने आया है कि स्टॉक से ज्यादा दवाएं मरीज को दी जा रही हैं?
·         जवाब: मैं सभी फाइलों का रिव्यू कर रहा हूं और जो मेरी सोच है वो ये है कि बजाए नशा मुक्ति केंद्र के स्थान पर हम पुनर्वास केंद्र बनाएंगे जो मेरा सपना है। पंजाब में हम ऐसे चार-पांच पुनर्वास केंद्र स्थापित करेंगे, जो पांच एकड़ का होंगे। बच्चों की पढ़ाई, खेल, रिक्रेशन रूम होंगे। देश-दुनिया के अच्छे सेलीब्रेटी बुलाकर इन बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे। ऐसे बच्चों को हम बिजी रखना चाहेंगे। इन्हें काउंसलिंग की ज्यादा जरूरत है। प्राइवेट अस्पतालों ने इसे गोलियां बेचने का धंधा बना लिया है। मनोचिकत्सिक पक्का हो, उसकी पर्ची पर दवा देनी होगी, कितनी देनी है ये भी तय होगा। नहीं तो ऐसे डॉक्टर पर भी कार्रवाई होगी।
·         सवाल : डॉक्टर लॉबी में चर्चा है कि पूर्व सेहत मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और सेहत सचिव सतीश चंद्रा को इसलिए सीएम ने बदला कि वे दवा माफिया पर नकेल डालने में असफल रहे हैं? अभी तक आपने इस धंधे की सबसे बड़ी मछली(एक डॉक्टर दंपति) को नहीं हटाया है, जबकि पूरा मंत्रालय बदला जा चुका है?
·         जवाब : पिछले हफ्ते राष्ट्रीय प्राइस कंट्रोल के चेयरमैन के साथ मुलाकात हुई है। लोगों को बाजिव रेट पर दवा मिलेगी। आपने जो नाम बताएं है, वो सिर्फ ये ही ऐसे कई लोग हैं, हम उन्हें रोकेंगे, उनका रिव्यू कर रहा है। सीएम साहब तय करते हैं कि किसे क्या विभाग देना है। ब्रह्म मोहिंदरा चूंकि उम्रदराज थे, लेकिन मैं युवा हूं और कई दौरे कर चुका हूं। दौरे करके निजी नशा मुक्ति केंद्रों की खुद जांच करुंगा।
·         सवाल : हमारे संपर्क में ऐसे कई डॉक्टर आए हैं, जिन्होंने कहा कि डॉक्टर अमित  के सूबे में कई नशा मुक्ति केंद्र हैं। उन्होंने अपने एजेंट छोड़ रखे हैं, जो दूसरे डॉक्टरों के मरीजों को बरगलाकर ले जाते हैं?
·         जवाब: एक डॉक्टर के नाम पर केवल एक ही नशा मुक्ति सेंटर ही चलेगा, वो 24 घंटे वहां मौजूद रहेगा। किसी डॉक्टर के नाम पर एक से अधिक निजी नशा मुक्ति केंद्र मिले तो उसका लाइसेंस कैसिंल कर देंगे। इसकी अनदेखी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। अब जो भी ऐसे केंद्र चल रहे हैं, हम उनका रिव्यू करके उसे भी कैंसिल कर सकते हैं।
·         सवाल : पंजाब सरकार निजी नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्रों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित कर रही थी। निजी केंद्र नियमों का पालन सुनिश्चित करें इसके लिए क्या किया जा रहा है?
·         जवाब : शायद पिछली सरकार को लगता था कि हम हरेक तक नहीं पहुंच सकते, शायद इसलिए इसे लागू किया गया था। लेकिन हम पिछली सरकार के इस नियम को बदलने जा रहे हैं। हम चिंतिंत हैं, लोगों को सहूलियत देंगे।
·         सवाल : पंजाब स्टेट हेल्थ मेंटल केयर रूल 2019 को लागू करने में देरी क्यों लगी रही है?
·         जवाब : इसमें समय लग रहा है, हम इसे लागू करके रहेंगे। हम इसमें कोई ढील नहीं बरतेंगे। नई योजनाएं लांच करने के लिए हम अलग-अलग जिले चुन रहे हैं। पंजाब के सभी लोगों को लामबंद करना हमारा मकसद है। समाज ऐसे बच्चों से नफरत की बजाए प्यार करे ताकि वे मुख्य धारा में लौट सकें।
·         सवाल : आखिरी सवाल दवा माफिया पर नकेल कैसे कसेंगे?
·         जवाब : एक दवा माफिया नहीं, कई जगह मरीजों से लूट हो रही है। हर सरकारी अस्पताल में हम एक जनऔषधि सेंटर खोलने जा रहे हैं ताकि दवा माफिया पर नकेल लगा सकें। दिल्ली मीटिंग का उद्देश्य मेरा यही था। दवा पर एमआरपी का रेट ज्यादा लिखा रहता है। इस धोखे को हम खत्म करना चाहते हैं। 60 फीसदी इनके दवा में रेट का फर्क है। बतौर मंत्री मैं खुद फैक्टरी, बैरियर और लोगों को मिलने वाले दवा बिल की भी जांच करुंगा। इससे जरूरी दवा के तहत लाना हमें मकसद है ताकि मरीजों को उचित दर पर दवा मिल सके।

शनिवार, मई 04, 2019

तूफानों का नाम कैसे रखा जाता

इन तूफानों का नाम कैसे रखा जाता है. बीबीसी के मुताबिक 1953 से अमेरिका के मायामी स्थित नेशनल हरीकेन सेंटर और वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन की अगुवाई वाला एक पैनल तूफ़ानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता रहा है. डब्लूएमओ संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है. हालांकि पहले उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवातों का कोई नाम नहीं रखा जाता था. जानकारों के मुताबिक इसकी वजह यह थी कि सांस्कृतिक विविधता वाले इस क्षेत्र में ऐसा करते हुए बेहद सावधानी की जरूरत थी ताकि लोगों की भावनाएं आहत होने से कोई विवाद खड़ा न हो.
2004 में डब्लूएमओ की अगुवाई वाला अंतरराष्ट्रीय पैनल भंग कर दिया गया. इसके बाद संबंधित देशों से अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले चक्रवात का नाम ख़ुद रखने को कहा गया. इसी साल हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर चक्रवातीय तूफानों को नाम देने की व्यवस्था शुरू की. भारत के अलावा इनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं. इन देशों ने 64 नामों की सूची बनाई. हर देश की तरफ से आठ नाम थे. अब चक्रवात विशेषज्ञों का पैनल हर साल मिलता है और जरूरत पड़ने पर यह सूची फिर से भरी जाती है. सदस्य देशों के लोग भी नाम सुझा सकते हैं. जैसे भारत सरकार इस शर्त पर लोगों की सलाह मांगती है कि नाम छोटे, समझ में आने लायक, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और भड़काऊ न हों. ‘फानी’ का नामकरण बांग्लादेश ने किया है. वैसे बांग्ला में इसका उच्चारण फोनी होता है और इसका मतलब है सांप.
इतनी सावधानी के बावजूद विवाद भी हो ही जाते हैं. जैसे साल 2013 में ‘महासेन’ तूफान को लेकर आपत्ति जताई गई थी. श्रीलंका द्वारा रखे गए इस नाम पर इसी देश के कुछ वर्गों और अधिकारियों को ऐतराज था. उनके मुताबिक राजा महासेन श्रीलंका में शांति और समृद्धि लाए थे, इसलिए आपदा का नाम उनके नाम पर रखना गलत है. इसके बाद इस तूफान का नाम बदलकर ‘वियारु’ कर दिया गया.

शुक्रवार, मई 03, 2019

अमरिन्दर बेअदबी मामले पर लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते: सिरसा

"कोई जांच कमेटी झूठ को सच और सच को झूठ नहीं बना सकती"

नई दिल्ली, ३ मई। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिन्दरसिंह सिरसा ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह श्री गुरू ग्रंथसाहिब की बेअदबी एवं बहिबल कांड मामले पर लोगों को मुर्ख नहीं बना सकते। सिरसा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह चुनाव रैलियों में सियासी लाभ के लिएबेअदबी एवं बहिबल कांड का मुद्दा उठा रहे हैं तथा कह रहे है कि चुनाव के बाद सिट कीजिम्मेंदारी कुवंर विजे प्रताप को देंगे।  दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि अमरिन्दरसिंह भले ही कैसी भी जांच करवा ले, झूठ को सच एवं सच को झूठ साबित नहीं करसकते।
उन्होंने आगे कहा कि जांच कमेटी द्वारा जो पहली चार्जशीट पेश की गई है उससे हीस्पष्ट हो गया है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अकाली दल को बदनाम करने की मंशाफेल हो चुकी है। दिल्ली कमेटी अध्यक्ष एवं शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता स. सिरसाने यह भी कहा कि यह तो कैप्टन अमरिन्दर सिंह भी जानते हैं कि बहिबल कांड याबेअदबी मामलों में शिरोमणी अकाली दल पर कोई आरोप साबित नहीं होता, न हीशिरोमणी अकाली दल जो सिक्खों की प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी है , ऐसी घिनौनीसाजिश में शामिल हो सकती है, परन्तु वह तो चुनाव के दौरान ही बादल परिवार परकीचड़ फेंक कर केवल और केवल वोट बटोरने के लिए सिख संगत को गुमराह करने मेंलगे हुए है, जिसमें वे सफल नहीं होंगे क्योंकि लोग अब असलीयत को जान चुके हैं।
मनजिन्दर सिंह सिरसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि वेसाहिब श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के गंभीर मामले को सियासत के लिए इस्तेमालन करें क्योंकि इससे सिख संगत की भावनाऐं आहत होती है। दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष ने सिख संगतों को विनती करते हुए कहा है कि वे सिखों कीकातिल कांग्रेस पार्टी के सियासी चालें चलने वाले इन नेताओं के झांसे में न आये। उन्होंने आगे कहा कि बार-बार जांच करवाने के बावजूद कहीं यह साबित नहीं होता कि बहिबल कला में गोली चलाने के लिए किसी मंत्री या अकाली नेता को पुलिस अधिकारियों ने विश्वास में लिया, बल्कि अभी जांच कमेटी ने जो ताजा तथ्य पेश किये हैं, उसमें जिक्र किया है कि उस समय डयूटी मजिस्ट्रेट नायब  तहसीलदार प्रितपाल सिंह से भी गोली चलाने की आज्ञा नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का कर वोटें लेना चाहते है परन्तु लोगों को उनकी नीयत समझ आ चुकी है।


ASSISTANCE AND INITIATIVES BY RELIANCE INDUSTRIES FOR THE PEOPLE IMPACTED BY FANI

Connectivity is imperative to safety and security of the people in affected regions during the course of Cyclone Fani. Cyclone Fani is said to be India's strongest tropical cyclone to make landfall in 20 years. Whether it is to check on the loved ones, ascertain the climatic situation or reach out for help, connectivity is of utmost importance for people facing this catastrophe. Gauging the situation and being proactive, Jio and Reliance Foundation have taken special measures to keep seamless connectivity for all in the affected areas.

FANI Cyclone

Network Availability and Uptime: Jio is working to mitigate potential downtime due to power outages of its network infrastructure. Through its multiway redundancy methodology planned for catastrophes such as Fani, impacted towers or network nodes have been optimized to remain online making seamless communication possible. All captive power sources have been adequately stocked with diesel or fuel for any unforeseen eventuality.    
Reliance Foundation has been involved with the state disaster management authorities since 27 April 2019 for carrying out preventive communications and support for the at-risk communities in the coastal areas and Jio has provided its digital services to disseminate critical information far and wide.

Cyclone Alerts: Jio has been communicating regular cyclone alerts and updates to nearly 2.5 Lakh fisherfolk/ farmers in the cyclone path districts of Tamilnadu, Andhra Pradesh, Kerala, West Bengal and Odisha since April 27, 2019. The broadcast dissemination modes include Mobile based audio advisories (outbound calls), WhatsApp, JioChat Channel, local cable TV scroll and print media.

Reliance Foundation Helpline: More than 2,000 queries addressed through RF Toll Free Help Line 1800 419 8800
On-the-ground RF Work: Along with District Administration, RF is engaged in evacuating people from low lying areas to temporary camps
On May 2, in Andhra Pradesh, RF along with Marine Police assisted 350 families (657 individuals) living in marine villages namely, Chinagangalapeta, Pedagangalapeta and Narasimhapeta of Srikakulam district to move to temporary camps.
On May 2, in Puri, Odisha, along with Department of Fisheries – an awareness drive was carried about evacuation (move from low lying areas to temporary camps) for 20,000 marine fishing families in 31 hamlets (Penthakata, Puri District).
On May 2, RF staff participated in Disaster Preparedness and Coordination Meeting organized by District Collector, Baleshwar, Odisha and discussed on how RF digital platforms will help Post Disaster Rehabilitation


यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार

यहां खाकी बदनाम :- नशा तस्करों से मोटी रकम वसूलने वाले सहायक थानेदार और सिपाही नामजद, दोनों फरार एसटीएफ की कार्रवाई में आरोपियों से...